NEWS & PRESS RELEASE NEWS CATEGORIES राष्ट्रीय 

साझा संकल्प से बनेगा बाल विवाह मुक्त समाज, फरीदाबाद में जागरूकता अभियान हुआ तेज: डीसी आयुष सिन्हा

– पीएचसी करनेरा, बल्लभगढ़ तथा साहुपुरा गाँव सहित कई क्षेत्रों में बाल विवाह विरोधी जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

फरीदाबाद, 10 दिसम्बर।

भारत सरकार के बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत मंगलवार को उपायुक्त (डीसी) आयुष सिन्हा के मार्गदर्शन में फरीदाबाद के पीएचसी करनेरा, बल्लभगढ़ तथा साहुपुरा गाँव सहित आसपास के अन्य इलाकों में बाल विवाह के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान उपस्थित नागरिकों को यह संकल्प भी दिलाया गया कि वे किसी भी परिस्थिति में बाल विवाह नहीं करवाएंगे और न ही होने देंगे।

संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी हेमा कौशिक ने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियों तथा 21 वर्ष से कम आयु के लड़कों का विवाह अमान्य है। ऐसे विवाह करवाने या सहयोग करने पर कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह सिर्फ एक सामाजिक बुराई नहीं, बल्कि यह बच्चों के सर्वांगीण विकास में गंभीर बाधा बनता है। इसका नकारात्मक प्रभाव शिक्षा, स्वास्थ्य और भविष्य के अवसरों पर पड़ता है। इसलिए इस प्रथा को पूरी तरह समाप्त करने के लिए समाज के हर व्यक्ति को आगे आना होगा।

उन्होंने यह भी बताया कि यदि कहीं बाल विवाह होने की जानकारी मिले, तो तुरंत उसे रोकने का प्रयास करें और निकटतम पुलिस थाने या चौकी को सूचित करें। इसके अलावा पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 पर फोन करके भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। शिकायतकर्ता की पहचान पूर्णतः गोपनीय रखी जाएगी।

हेमा कौशिक ने कहा कि सरकार बच्चों की शिक्षा, उनके अधिकारों की सुरक्षा और कल्याण के लिए कई योजनाएं चला रही है, किंतु समाज की भागीदारी के बिना इन्हें प्रभावी बनाना कठिन है। बच्चों का शिक्षित होना, उनका स्वस्थ व सुरक्षित विकास सुनिश्चित करना, पूरे समाज का दायित्व है। जब तक लोग बाल विवाह के विरोध में सजग नहीं होंगे, तब तक इस समस्या को पूरी तरह खत्म करना संभव नहीं है।

Related posts

Translate »