न्यायाल हिंदी न्यूज़ 

अलवर मॉब लिंचिंग : सामने आई गंभीर लापरवाही, पीड़ित को घंटों घुमाती रही पुलिस

राजस्थान के अलवर में गोरक्षा के नाम पर भीड़ ने पीट-पीट कर अकबर नाम के व्यक्ति की जान ले ली. इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है. . पुलिस पीड़ित को उस घायल हालत में पहले अस्पताल न ले जाकर घंटों तक घुमाती रही. तो अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या पुलिस की लापरवाही के चलते ही अकबर की जान गई?

संसद में भले ही मॉब लिंचिंग पर चिंता जताई जा रही हो लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही है. राजस्थान के अलवर में फिर से गोरक्षा के नाम पर भीड़ ने पीट-पीट कर एक शख़्स की जान ले ली. अलवर ज़िले के रामगढ़ में गो-तस्करी के शक़ में अकबर नाम के शख़्स की भीड़ ने मार मार कर हत्या कर दी. शुक्रवार रात अकबर अपने साथी के साथ गाय लेकर जा रहा था. अचानक इन दोनों पर भीड़ ने हमला कर दिया. इस हमले में अकबर की जान चली गई जबकि उसका साथी किसी तरह अपनी जान बचाकर भाग गया. मृतक अकबर हरियाणा के नूंह ज़िले का रहने वाला था.

घायल को अस्‍पताल ले जाने से पहले पुलिस जब्‍त की गई गायों को गौशाला ले गई, फिर पुलिस थाने गई और यहां तक कि चाय पीने के लिए भी रुकी. अस्‍पताल पहुंचने तक रकबर की जान जा चुकी थी. पुलिस ने कहा कि 28 वर्षीय अकबर खान की अस्‍पताल ले जाते वक्‍त रास्‍ते में मौत हो गई. उन्‍होंने अलवर के लल्‍लावंडी गांव से 3 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनके बारे में उनका कहना है कि उन पर हत्‍या का मामला दर्ज होगा.

एनडीटीवी ने पाया कि मामले में दर्ज एफआईआर के अनुसार पुलिस को देर रात 12:41 बजे घटना की सूचना मिली और पुलिस 1:20 बजे वहां पहुंची. एफआईआर के अनुसार नवल किशोर नाम के दक्षिण पंथी समर्थक ने पुलिस को फोन किया था.

पुलिस के साथ गए नव‍ल किशोर के अनुसार पुलिसवालों ने घायल के शरीर को धोया क्‍योंकि वह कीचड़ से सना था, उसके बाद उन्‍होंने कई अन्‍य काम किए. उनका पहला पड़ाव नवल किशोर का घर था, जहां से उन्‍होंने गाड़ी का इंतजाम किया ताकि गायों को स्‍थानीय गौशाला ले जाया जा सके.

मॉब लिंचिंग पर केंद्रीय मंत्री मेघवाल का अजीब बयान, जैसे-जैसे मोदी लोकप्रिय होते जाएंगे ऐसी घटनाएं बढ़ेंगी

उनकी एक रिश्‍तेदार माया ने NDTV को बताया, ‘मैंने शोर सुना. जब में बाहर आई, एक पुलिसवाला गाड़ी के अंदर एक व्‍यक्ति को पीट रहा था और गालियां दे रहा था.’ जब उनसे पूछा गया कि क्‍या वह व्‍यक्ति तब भी जीवित था, उन्‍होंने हां में जवाब दिया.इसके बाद वो चाय नाश्‍ते के लिए रुके. हालांकि घायल शख्‍स तकलीफ होने की बात कह रहा था, फिर भी पुलिसवालों ने करीब की दुकान से चाय मंगवाई और गायों को ले जाने वाली गाड़ी का इंतजार किया. दुकानदार ने बताया कि पुलिसवालों ने 4 चाय मंगवाई थी. नवल किशोर ने NDTV को बताया, ‘उनका अगला पड़ाव पुलिस स्‍टेशन था जहां से वो गौशाला गए.’

जब तब पुलिस ये सब कर रही थी तब तक उस शख्‍स की मौत हो गई. पुलिस तब उसे स्‍थानीय अस्‍पताल ले गई, मेडिकल रजिस्‍टर में 4 बजे सुबह का वक्‍त दर्ज है.

Related posts

Translate »