एंटरटेनमेंट हिंदी न्यूज़ 

Meena Kumari: फिल्म ‘पाकीजा’ के बाद 38 साल की उम्र में ली थी अंतिम सांस, जानिए मीना कुमारी के जीवन से जुड़ी खास बातें

मीना कुमारी की 85वीं जयंती (Meena Kumari 85th Birth Anniversary) के मौके पर गूगल ने डूडल (Google Doodle) बनाकर उन्हें याद किया है. मीना कुमारी का जन्म 1 अगस्त 1932 को बंबई में हुआ था. मीना कुमारी का असली नाम महजबीन बेगम था. भारतीय सिनेमा की ट्रैजिडी क्वीन (Tragedy Queen) कही जाने वाली मीना कुमारी आज भी लाखों दिलों पर राज करती हैं. सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में शुमार होने के साथ ही मीना उम्दा शायर और गायिका भी थी. मीना कुमारी (Meena Kumari) के फिल्मी करियर की शुरुआत 1939 में फिल्म “लैदरफेस” से हुई जिसके निर्देशक विजय भट्ट थे. विजय भट्ट की फिल्म बच्चों का खेल में 13 वर्ष की महजबीन का नाम मीना कुमारी दिया गया. जिसके बाद से ही महजबीन मीना कुमारी के नाम से जानी जाती हैं. 1.  मीना कुमारी के जन्म के समय उनके घर में बहुत गरीबी थी. कहा जाता है कि उनके जन्म के बाद उनके परिवार के पास डॉक्टर को देने के लिए पैसे नहीं थे. जिसके चलते उनके पिता अली बख्‍श उनको अनाथालय की सीढ़ियों पर छोड़ आए थे. लेकिन पिता का मन नहीं माना और वे वापस जाकर उन्हें अनाथालय के बाहर से घर ले आए और उनकी परवरिश की.  2. मीना कुमारी ने कई गीतों को अपनी आवाज़ भी दी थी. दरहसल, मीना कुमारी की मां इकबाल बानो गायिका थीं. उन्हें उनकी मां से गायिकी की तालीम मिली. मीना कुमारी ने ‘बहन’ फिल्म में अपना पहला गीत “ले चल मुझे अपनी नगरिया गोकुल वाले सांवरिया” गाया था. जिसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में गीत गाए. साथ ही उन्होंने उन्होंने “ईद का चांद” फिल्म में संगीतकार का भी काम किया था.  3. अपने 30 साल के पूरे फिल्मी सफर में मीना कुमारी ने 90 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है. 1954  में फिल्म ‘बैजू बावरा’

Related posts

Translate »