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ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने नीरव मोदी की जमानत मंजूर करने से किया इनकार

ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की जमानत अर्जी को बुधवार को खारिज कर दिया।

हीरा कारोबारी का प्रयास है कि पंजाब नेशनल बैंक के साथ करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उसे भारत को न सौंपा जाए।

न्यायाधीश इंग्रिड सिमलर ने नीरव मोदी और भारत की ओर से पैरवी कर रही ब्रिटेन की अभियोजन सेवा के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि यह मानने का ठोस आधार है कि नीरव मोदी जमानत पर छूटने के बाद फिर से कानून के आगे समर्पण नहीं करेगा।

उन्होंने माना है कि नीरव मोदी को जमानत पर छोड़ा जाता है तो वह सबूत के साथ छेड़छाड़ और न्यायिक प्रक्रिया में बाधा पहुंचा सकता है।

इससे पहले , नीरव मोदी की कानूनी टीम ने मंगलवार को उच्च न्यायालय के सामने अपनी दलीलें पेश की थीं। दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने फैसला सुनाने के लिए बुधवार का दिन तय किया था।

इससे पहले लंदन की निचली अदालत तीन बार नीरव मोदी की जमानत की अर्जी खा रिज कर चुकी थी। उस मजिस्ट्रेटी अदालत की भी राय थी कि भारत में कानूनी रूप से भगोड़े घोषित इस ही रा कारोबारी को जमानत देने में यह बड़ा जोखिम है कि वह ब्रिटेन से भाग सकता है और कानून के समक्ष समर्पण नहीं करेगा।

लंदन की पुलिस ने 19 मार्च को नीरव मोदी को गिरफ्तार किया था और उसके बाद से वह जेल में है।

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