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खेड़ी गुजरान में बनने वाले आईडीटीआर संस्थान की योजना पर डीसी आयुष सिन्हा ने की समीक्षा

– क्लासरूम ट्रेनिंग, सिम्युलेटर व टेस्ट ट्रैक से लैस होगा नया ड्राइवर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट

फरीदाबाद, 11 दिसंबर।
उपायुक्त (डीसी) आयुष सिन्हा ने आज मुख्यमंत्री की घोषणाओं के तहत गांव खेड़ी गुजरान में प्रस्तावित इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइवर ट्रेनिंग एंड रिसर्च (IDTR) की ड्राइंग और परियोजना प्रस्तुति को लेकर महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक में परियोजना से संबंधित विस्तृत लेआउट, एडमिन ब्लॉक की रूपरेखा, इंस्टीट्यूशंस लॉ वर्कशॉप, व्हीकल ट्रैक, वाटर बॉडी सुरक्षा मॉड्यूल तथा भूमि उपयोग की तकनीकी तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की गई।

डीसी आयुष सिन्हा ने बताया कि संस्थान का ढांचा अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाया जाएगा, जिसमें क्लासरूम ट्रेनिंग, ड्राइविंग सिम्युलेटर, वर्कशॉप, टेस्ट ट्रैक और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के लिए विशेष क्षेत्र शामिल होंगे। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि ड्राइंग और निर्माण योजना में सुरक्षा मानकों का विशेष ध्यान रखा जाए तथा परियोजना से जुड़े विभिन्न विभाग आपसी समन्वय बनाकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि IDTR की स्थापना मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण घोषणा है, इसलिए निर्माण कार्य को उच्च गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ पूरा किया जाना आवश्यक है।

डीसी आयुष सिन्हा ने योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि सॉइल टेस्टिंग से संबंधित सभी कार्य निर्धारित मानकों के अनुसार समयबद्ध रूप से पूर्ण किए जाएं। बैठक के दौरान यह स्पष्ट किया गया कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट डीपीआर को तकनीकी विशेषज्ञों से ऑनलाइन परामर्श कर इसी माह के भीतर अंतिम रूप दिया जाए तथा सभी आवश्यक दस्तावेजों सहित चंडीगढ़ कार्यालय को प्रेषित किया जाए। उन्होंने कहा कि संरचना की स्थिरता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और प्रत्येक चरण में तकनीकी मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित हो। स्ट्रक्चरल ऑडिट को पूरी गंभीरता के साथ समय पर पूर्ण करने तथा इंजीनियरिंग पहलुओं का समग्र रिव्यू करने के निर्देश भी दिए गए।

उन्होंने बताया कि भिवानी और नूंह के बाद फरीदाबाद में भी परियोजना तेजी से क्रियान्वित की जा रही है। उन्होंने निर्देश दिए कि तैयार की जाने वाली रिपोर्ट न केवल वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करे, बल्कि भविष्योन्मुखी योजना को ध्यान में रखते हुए व्यापक हो। रिपोर्ट में परियोजना के संभावित विस्तार, दीर्घकालिक उपयोगिता और आगामी वर्षों में बढ़ती आवश्यकताओं का आकलन भी समाहित किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी तकनीकी मानकों का पालन करते हुए दस्तावेज़ इस प्रकार तैयार हों, जिससे भविष्य की योजनाओं और विकास कार्यों के लिए स्पष्ट दिशा निर्धारित हो सके।

बैठक में परियोजना से जुड़े विभागों के अधिकारी, इंजीनियर और तकनीकी विशेषज्ञ भी उपस्थित रहे।

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