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मध्यप्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस को समर्थन जारी रखने के लिए BSP प्रमुख मायावती ने रखी यह शर्त

 

मध्यप्रदेश और राजस्थान में सरकार बनाने के लिए समर्थन देने के बाद अब बसपा (BSP) प्रमुख मायावती (Mayawati) ने कांग्रेस के सामने शर्त रख दी है. बसपा की मांग है कि मध्यप्रदेश और राजस्थान की कांग्रेस सरकार 2 अप्रैल को हुए भारत बंद के दौरान दोनों राज्यों में दर्ज मुकदमे वापस ले. बसपा प्रमुख ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो पार्टी दोनों राज्यों की सरकारों को दे रही समर्थन पर दोबारा विचार करेगी. उन्होंने कांग्रेस सरकारों को धमकी देते हुए कहा, ‘अगर कांग्रेस की नई सरकारों ने अविलंब उचित कार्रवाई नहीं की तो फिर बसपा को वहां की कांग्रेस सरकारों (मध्यप्रदेश व राजस्थान) को बाहर से समर्थन देने के मामले में पुनर्विचार करना पड़ सकता है.’

यह भी पढ़ें: समर्थन देने के बाद मायावती ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा- जनता ने दिल पर पत्थर रखकर जिताई हैं इतनी सीटें

 

मायावती ने सोमवार को आरोप लगाया, ‘एससी/एसटी कानून 1989 व सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण की पूर्ण बहाली की मांग को लेकर 2 अप्रैल को किए गए ‘भारत बंद’ के दौरान उत्तर प्रदेश सहित भाजपा शासित राज्यों में से मध्य प्रदेश व राजस्थान में जातिगत और राजनीतिक द्वेष की भावना के तहत कार्रवाई की गई थी और निर्दोष लोगों को फंसाया गया था.’ उन्होंने कहा कि अब मध्यप्रदेश और राजस्थान की नई कांग्रेस सरकारों को निर्दोष लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों को तुरंत वापस लेना चाहिए और मुकदमों को खत्म करना चाहिए.

मध्यप्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस से सीटों को लेकर बात न बन पाने के बाद बीएसपी विधानसभा चुनावों में अकेले उतरी थी. बसपा को मध्यप्रदेश में दो और राजस्थान में 6 सीटों पर जीत मिली थी. बाद में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत न मिलने की स्थिति में बीएसपी ने दोनों राज्यों में समर्थन देने के ऐलान किया था.

बता दें कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने हाल नतीजे आने के बाद भी कांग्रेस पर हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि आम जनता ने अपने दिल पर पत्थर रखकर, न चाहते हुए भी कांग्रेस (Congress) का समर्थन किया है. मायावती (Mayawati) ने कहा था कि हमारी पार्टी ने यह चुनाव भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए लड़ा था, लेकिन दुःख की बात यह है कि हमारी पार्टी अपने इस मकसद में कामयाब नहीं हो सकी. मुझे मालूम हुआ है कि मध्य प्रदेश में अभी भी भाजपा (BJP) सत्ता में आने के लिए जोड़-तोड़ में लगी है. इसे रोकने के लिए हमारी पार्टी ने कांग्रेस की सोच और नीतियों से सहमत ना होते हुए भी, मध्य प्रदेश में कांग्रेस (Congress) को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने का फैसला किया है. जिससे भाजपा अपने मकसद में कामयाब ना हो सके.

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