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कोलकाता में पुलिस-सीबीआई के बीच टकराव : राज्यपाल ने गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट

कोलकाता पुलिस के प्रमुख राजीव कुमार से सारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई द्वारा पूछताछ करने के प्रयास के बाद राज्य में पैदा हुई स्थितियों के बारे में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को रिपोर्ट सौंप दी है। यह जानकारी राजभवन के सूत्रों ने दी।

बहरहाल, रिपोर्ट के ब्यौरा की जानकारी नहीं है।

सूत्रों ने पीटीआई को बताया, ‘‘राज्यपाल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। आज सुबह में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बात की।’’

सूत्रों ने कहा कि विशेष जांच शाखा द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट और राज्य के मुख्य सचिव तथा गृह सचिव द्वारा रविवार की देर रात को सौंपी गई रिपोर्ट को एक साथ मिलाकर राज्यपाल ने रिपोर्ट तैयार की।

दरअसल, सीबीआई की एक टीम कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से चिटफंड घोटाले के सिलसिले में पूछताछ करने के लिए रविवार को उनके आवास पर गई थी लेकिन टीम को उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें जीप में भरकर थाने ले जाया गया। टीम को थोड़े समय के लिए हिरासत में भी रखा गया।

घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रविवार की रात साढ़े आठ बजे से धरने पर बैठी हुई हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर बंगाल में तख्तापलट करने का प्रयास करने के आरोप लगाए।

त्रिपाठी ने कल रात मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को समन कर स्थिति से निपटने के लिए तुरंत कार्रवाई करने को कहा था।

अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने स्थिति का जायजा लेने के लिए रविवार को त्रिपाठी को फोन किया था।

उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय को रविवार की शाम को सूचना मिली कि कोलकाता में सीबीआई अधिकारियों को सारदा घोटाले की जांच के सिलसिले में ‘‘धमकी मिल रही है और उनकी निजी सुरक्षा को खतरा’’ है। घोटाले की जांच उच्चतम न्यायालय के निर्देश के आधार पर हो रहा है।

उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने राज्य में सीबीआई के कार्यालय और जांच एजेंसी के अधिकारियों के आवासीय परिसर के आस-पास केंद्रीय बलों को तैनात कर रखा है और वह ‘‘स्थिति पर निगाह बनाए हुए हैं।’’

सीबीआई के मुताबिक आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार ने चिटफंड घोटाले की जांच में पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष जांच दल का नेतृत्व किया था और उनसे गायब दस्तावेजों तथा फाइलों के बारे में पूछताछ करने की जरूरत है। पेश होने के लिए एजेंसी की तरफ से जारी नोटिस का उन्होंने जवाब नहीं दिया है।

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