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प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की : आतंकवाद को ‘संयुक्त खतरा’ बताया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के साथ रविवार को दस दिनों के अंदर दूसरी बार मुलाकात की और दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद ‘‘संयुक्त खतरा’’ है जिस पर संयुक्त कार्रवाई की जरूरत है।

श्रीलंका में अप्रैल में ईस्टर पर हुए आतंकवादी हमले के बाद मोदी देश के दौरे पर आए पहले विदेशी नेता हैं। उनका दौरा हमले के बाद श्रीलंका के साथ भारत की एकजुटता को दर्शाता है।

राष्ट्रपति सिरिसेना के साथ वार्ता के बाद मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के साथ मुलाकात हुई जो दस दिनों के अंदर दूसरी मुलाकात है। राष्ट्रपति सिरिसेना और मैं इस बात पर सहमत थे कि आतंकवाद संयुक्त खतरा है जिस पर संयुक्त कार्रवाई की जरूरत है। श्रीलंका के साझा, सुरक्षित और समृद्ध भविष्य के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।’’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि दोनों नेताओं ने परस्पर हित के द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। राष्ट्रपति सिरिसेना ने प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में भोज का आयोजन किया।

मोदी को अपने ‘‘विशेष मित्र’’ सिरिसेना से बुद्ध की समाधि वाली कलाकृति बतौर विशेष उपहार मिली।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘खास मित्र से मिला विशेष उपहार। राष्ट्रपति मैत्रीपाला ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बुद्ध की समाधि वाली कलाकृति उपहार में दी। इसे अनुराधापुर युग की बेहतरीन कलाकृति माना जाता है। मूल कलाकति चौथी और सातवीं ईस्वी के बीच बनी थी।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘बुद्ध की समाधि वाली कलाकृति हाथ से बनाई गई है। इसे बनाने में लगभग दो वर्ष लगे। कलाकृति में बुद्ध जिस मुद्रा में बैठे हैं उस मुद्रा को ध्यान मुद्रा के नाम से जाना जाता है।’’

इससे पहले राष्ट्रपति सचिवालय जाने के रास्ते में प्रधानमंत्री मोदी का काफिला कोलंबो में कैथोलिक चर्च पहुंचा।

मोदी ने चर्च पर हुए घातक हमले के शिकार लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि श्रीलंका फिर उठ खड़ा होगा। कायराना आतंकी कृत्य श्रीलंका के हौसले को परास्त नहीं कर सकते। श्रीलंका के लोगों के साथ भारत एकजुटता से खड़ा है।’’

ईस्टर के दिन श्रीलंका में हुए हमलों के बाद इस देश की यात्रा करने वाले मोदी पहले विदेशी नेता हैं।

मोदी ने कहा, ‘‘मैं मृतकों के परिजनों और घायलों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।’’

श्रीलंका में ईस्टर के दिन नौ आत्मघाती बम हमलावरों ने कोलंबो स्थित सेंट एंथनीज चर्च, पश्चिमी तटीय नगर नेगोम्बो स्थित सेंट सेबेस्टियन्स चर्च और पूर्वी शहर बट्टीकलोवा स्थित एक अन्य चर्च तथा तीन आलीशान होटलों को निशाना बनाया था।

देश में वर्ष 2009 में गृहयुद्ध के खात्मे के बाद यह सबसे भीषण हिंसा थी।

आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन सरकार ने इसके लिए स्थानीय चरमपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) को जिम्मेदार ठहराया है।

बाद में राष्ट्रपति आवास में मोदी का स्वागत किया गया। इस दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना भी मौजूद थे। सिरिसेना हाथ में छाता लिए दिखाई दिए। छाते से वह खुद को और प्रधानमंत्री मोदी को बारिश से बचा रहे थे।

मोदी ने राष्ट्रपति भवन में अशोक का पौधा भी रोपा।

प्रधानमंत्री मोदी की श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के साथ ‘‘लाभदायक चर्चा‘‘ हुई।

विक्रमसिंघे के साथ बैठक के बाद मोदी ने कहा, ‘‘द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए श्रीलंका की जनोन्मुखी परियोजनाओं को भारत की तरफ से पूरा समर्थन मिलेगा।’’

मोदी ने विपक्ष के नेता महिंदा राजपक्षे के साथ विस्तृत वार्ता की और आतंकवाद निरोधक, सुरक्षा और आर्थिक विकास के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच निकट सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।

मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘विपक्ष के नेता महिंदा राजपक्षे के साथ विस्तृत वार्ता हुई। हमने भारत और श्रीलंका के बीच आतंकवादी, सुरक्षा और आर्थिक विकास के क्षेत्रों में निकट सहयोग की आवश्यकता पर चर्चा की।’’

श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे ने 2009 में तमिल चीतों के खिलाफ विजय में अपने देश का नेतृत्व किया था।

लिट्टे प्रमुख वेलुपिल्लई प्रभारकण के मारे जाने के बाद 2009 में इस संगठन का खात्मा हो गया। समझा जाता है कि युद्ध में 70 हजार से 80 हजार लोग मारे गए।

आर. संपतन के नेतृत्व में तमिल नेशनल अलायंस के प्रतिनिधिमंडल ने भी प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और चुनावों में जीत पर उन्हें बधाई दी।

मोदी ने कोलंबो की अपनी यात्रा को ‘‘काफी लाभदायक’’ करार दिया।

द्वीपीय देश से रवाना होने से पहले मोदी ने कहा, ‘‘हमारे दिल में श्रीलंका का विशेष स्थान है। मैं श्रीलंका के अपने भाईयों एवं बहनों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत हमेशा आपके साथ है और आपके देश की प्रगति में समर्थन करेगा। आपके यादगार स्वागत के लिए धन्यवाद।’’

उन्होंने लंका में भारतीय समुदाय को भी संबोधित किया और कहा कि पिछले पांच वर्षों में भारत की छवि काफी बदली है। भारत की अच्छी छवि बनाने के लिए उन्होंने प्रवासी भारतीयों को धन्यवाद दिया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय संबंध नई ऊंचाइयों तक पहुंचे हैं चाहे वह सुरक्षा में सहयोग का हो या व्यापार या सांस्कृतिक संबंधों में हों।

मोदी इससे पहले मार्च 2015 और मई 2017 में श्रीलंका का दौरा कर चुके हैं।

मोदी सरकार में भारत ने 35 करोड़ डॉलर की लागत से बने घरों में पहला जत्था सौंपा जिनमें अधिकतर घर श्रीलंका के चाय बगान इलाकों में रहने वाले तमिलों को सौंपे गए ।

मालदीव की यात्रा के बाद मोदी श्रीलंका पहुंचे।

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