सरकारी बिजली उत्पादक कंपनियों को भुगतान सुरक्षा प्रणाली के दायरे से बाहर रखा गया: बिजली मंत्रालय
सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उत्पादक कंपनियां नई भुगतान प्रणाली के दायरे में नहीं आएंगी। नई प्रणाली के तहत वितरण कंपनियों के लिये उत्पादक कंपनियों को साख पत्र की पेशकश करना अनिवार्य किया गया है। बिजली मंत्रालय ने बुधवार को यह कहा।
कुछ राज्यों के बिजली खरीद समझौतों के तहत भुगतान प्रणाली पर स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद मंत्रालय ने यह बयान दिया। केंद्र ने पिछले महीने इसकी मंजूरी दी।
भुगतान सुरक्षा प्रणाली के तहत वितरण कंपनियों के लिये यह अनिवार्य है कि वे उत्पादक कंपनियों के लिये साख पत्र की पेशकश करेंगी। यह बिजली आपूर्ति के एवज में भुगतान की एक तरह से गारंटी होगी।
मंत्रालय के अनुसार, ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उत्पादक कंपनियां 28 जून 2019 को जारी आदेश के दायरे में नहीं आएंगी और उसके अनुसार इसमें संशोधन किया गया है। इन सरकारी बिजली उत्पादक कंपनियों के बिजलीघरों को बिल भुगतान के बारे में संबंधित राज्य सरकारें निर्णय कर सकती हैं।’’
बिजली मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि भुगतान सुरक्षा प्रणाली एक अगस्त 2019 से क्रियान्वित की जाएगी।
स्वतंत्र बिजल उत्पादक क्षेत्र में दबाव कम करने के लिये भुगतान सुरक्षा प्रणाली क्रियान्वित करने की मांग करते रहे हैं। मंत्रिमंडल सचिव पी के सिन्हा की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने भी उत्पादक कंपनियों के लिये भुगतान सुरक्षा प्रणाली स्थापित करने की सिफारिश की थी।