आथिर्क प्रोत्साहन, सुधार की उम्मीद के बीच सेंसेक्स नयी ऊंचाई पर
वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए और सुधारों की उम्मीद के बीच बैंक शेयरों में लाभ से बुधवार को बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 222 अंक की बढ़त के साथ 40,469.78 अंक के नए रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ।
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में दिन में एक समय 40,606.91 अंक तक भी पहुंच गया था, जो कारोबार के दौरान अब तक दर्ज इसका सबसे ऊंचा स्तर है।
अंत में सेंसेक्स 221.55 अंक या 0.55 प्रतिशत की बढ़त के साथ 40,469.78 अंक के नए रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ। इससे पहले चार नवंबर यानी सोमवार को सेंसेक्स 40,301.96 अंक के नए उच्चस्तर पर बंद हुआ था।
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 12,000 अंक के स्तर को छूने के बाद अंत में 48.85 अंक या 0.41 प्रतिशत की बढ़त के साथ 11,966.05 अंक पर बंद हुआ।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार शाम को कहा था कि सरकार रियल्टी क्षेत्र के समक्ष आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए कदम उठा रही है।
सेंसेक्स की कंपनियों में आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, एचडीएफसी, इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स, कोटक बैंक, एक्सिस बैंक, एलएंडटी, येस बैंक और हिंदुस्तान यूनिलीवर 2.64 प्रतिशत तक चढ़ गए।
वहीं दूसरी ओर भारती एयरटेल, रिलायंस इंडस्ट्रीज, बजाज फाइनेंस, ओएनजीसी, एचसीएल टेक, आईटीसी और सनफार्मा में 3.31 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज हुई।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वित्त मंत्री द्वारा निकट भविष्य में सुधारों की रफ्तार तेज₨ करने की प्रतिबद्धता जताने के बाद बाजार नयी ऊंचाई पर पहुंच गया। नए उपायों की उम्मीद के बीच रियल्टी और वित्तीय कंपनियों के शेयरों में लाभ रहा।’’
नायर ने कहा कि इसके अलावा सेंसेक्स की बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे बेहतर रहे हैं। इससे भी निवेशकों की धारणा को बल मिला है।
बीएसई मिडकैप में 0.15 प्रतिशत का लाभ रहा। वहीं स्मॉलकैप 0.36 प्रतिशत नीचे आया।
अन्य वैश्विक बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की लाभ के साथ बंद हुए। वहीं चीन के शंघाई बाजार में गिरावट आई।
शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजारों में मिलाजुला रुख था।
इस बीच, अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में दिन में कारोबार के दौरान रुपया 28 पैसे के नुकसान के साथ 70.97 प्रति डॉलर पर चल रहा था।
ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 0.81 प्रतिशत के नुकसान से 62.45 डॉलर प्रति बैरल पर था।