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महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन : एडीसी आनन्द शर्मा

– कहा, म्हारी लाडो म्हारी शान थीम के साथ बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना का करें बेहतर क्रियान्वयन

– क़ानूनी रूप से घरेलु हिंसा अधिनियम 2005 के तहत है क़ानूनी प्रक्रिया

फरीदाबाद, 10 जनवरी। डीसी विक्रम सिंह के कुशल मार्गदर्शन में आज बुधवार को अतिरिक्त उपायुक्त डॉ० आनंद शर्मा की अध्यक्षता में बेटी बचाओ-बेटी पढाओ योजना के अंतर्गत जिला की सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का हुड्डा कन्वेंशन सेंटर, सेक्टर-12 में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें अतिरिक्त उपायुक्त आनन्द शर्मा  ने जिला के लिंगानुपात की स्थिति में सुधार लाने के लिए  आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को गर्भवती महिलाओं का गर्भावस्था के तीन माह के भीतर आंगनवाड़ी केंद्र पर पंजीकरण करने बारे आदेश दिए। वहीं जिन गर्भवती महिलाओं के पास पहले एक या एक से अधिक बच्चियां हैं। उन महिलाओं को लगातार गृह भ्रमण करते हुए परामर्श देने बारे सुझाव दिए गए। एडीसी आनन्द शर्मा ने फरीदाबाद-ग्रामीण व बल्लभगढ़-

ग्रामीण क्षेत्रों का लिंगानुपात कम होनेपर चिंता जाहिर की। वहीं उन्होंने जिला में हो रहे गर्भपात को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाने के लिए आह्वान किया। दोनों ब्लाकों में एनएनएमANM/तथा आशा वर्कर के साथ मिलकर सभी गर्भवती महिलाओं का रिकॉर्ड अपडेट  करने बारे जागरूकता अभियान चलाने बारे भी दिशा निर्देश दिए।

कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी डाक्टर मंजु श्योराण ने बताया कि जिला के 1294 आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को केंद्र- प्रदेश सरकार को योजनाओं का लाभ देने के लिए  समय पर पंजीकरण करवाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि म्हारी लाडो म्हारी शान थीम के साथ बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के अंतर्गत

नवविवाहित दम्पतियों तथा एक लड़की के माता-पिता की पहचान कर उनके साथ संवाद स्थापित किया जाये। उन्हें लड़का-लड़की में भेदभाव न करने बारे प्रेरित किया जाये। संरक्षण अधिकारी एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी हेमा कौशिक ने उपस्थित महिलाओं को सभी घरेलू हिंसा एवं बाल विवाह एक्ट के बारे में अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि किसी भी महिला को घरेलू हिंसा से संबंधित किसी तरह की कोई परेशानी है। तो वह संरक्षण अधिकारी से महिला थाना सेक्टर-16 में आकर मिल सकती है। क़ानूनी रूप से घरेलु हिंसा अधिनियम 2005 के तहत जो क़ानूनी प्रक्रिया है। उसमे संरक्षण अधिकारी की मदद ले सकती है। संरक्षण अधिकारी ने आंगनवाडी कार्यकर्ताओं से अनुरोध किया कि अपने आस पास उन्हें किसी भी बच्चे के बाल विवाह कि जानकारी मिलती है। तो वे बिना देरी के संरक्षण अधिकारी को सूचना देना सुनिश्चित करें।

जिला संयोजक गीतिका ने सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को समय पर सही रिपोर्ट भरने एवं कार्यालय में भेजने बारे कहा।

वहीं महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी सुशीला सिंह ने आये हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद किया। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग की सभी सुपरवाइजर उपस्थित रहीं।

फोटो संग्लन।

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