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ग्रेप 4 के क्रियान्वयन के लिए जिलाधीश विक्रम सिंह ने जारी किए दिशा-निर्देश  

फरीदाबाद, 21 नवंबर।

जिलाधीश विक्रम सिंह ने लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वायु प्रदूषण के प्रसार को रोकने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत आदेश जारी किए गए हैं। आदेशों के अनुसार लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वायु प्रदूषण के प्रसार को रोकने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत आदेश जारी किए हैं। जिलाधीश विक्रम सिंह ने बताया कि भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकारों को जीआरएपी चरण- IV को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है, इसलिए जिला फरीदाबाद के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को निर्देश दे दिया गया है कि वे भौतिक कक्षाओं को बंद करना सुनिश्चित करें और 23 नवंबर 2024 तक कक्षाओं के ऑनलाइन मोड पर चले जाएं।

जिलाधीश द्वारा जारी आदेशों के तहत जिला में पत्थर तोड़ने वाली इकाइयों के स्थलों के अंदर या बाहर कहीं भी खनन और संबंधित तमाम  गतिविधियों, निर्माण सामग्री की लोडिंग और अनलोडिंग को बंद कर पाबंदी लगा दी गई है। आदेशों के तहत खुले क्षेत्रों, सड़कों, पिछवाड़े में किसी भी प्रकार के अपशिष्ट पदार्थों जिसमें कचरा, पत्ते, प्लास्टिक, रबर और अन्य दहनशील पदार्थ शामिल हैं,को भी जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जो वायु प्रदूषण के स्तर को बढ़ाने देने में योगदान करते हैं, जिससे हवा में कण पदार्थ और जहरीली गैसों की सांद्रता बढ़ जाती है। ऐसी गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। इन आदेशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों, समूहों या संस्थाओं को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के प्रावधानों के अनुसार कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

जिलाधीश विक्रम सिंह ने कहा कि आज सुबह से दिल्ली व एनसीआर में संशोधित ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चरण-IV (‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता) के तहत कार्यों का कार्यान्वयन विषय के सम्बन्ध में  दिल्ली-एनसीआर में संशोधित ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चरण-IV (‘गंभीर+ वायु गुणवत्ता) के अंतर्गत कार्रवाई के लिए  उठाए जाने वाले कदम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देश के तहत ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) की संशोधित अनुसूची के कार्यान्वयन के लिए वैधानिक निर्देश जारी किए, जो सीएक्यूएम वेबसाइट (caqm.nic.in) पर उपलब्ध है, जब भी जीआरएपी के तहत आदेश लागू किए जाते हैं।जीआरएपी के तहत कार्रवाई लागू करने के लिए उप-समिति ने अपनी पिछली बैठकों में जीआरएपी के चरण-I, चरण-II और चरण-III के तहत कार्रवाई लागू की थी। वहीं अब उप-समिति ने अपनी तत्काल बैठक में क्षेत्र में वायु गुणवत्ता परिदृश्य के साथ-साथ आईएमडी/आईआईटीएम द्वारा उपलब्ध कराए गए  मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूर्वानुमान की भी समीक्षा की गई है । उप-समिति ने पाया कि एक्यूआई 441 (गंभीर) दर्ज किया गया था और धीरे-धीरे इसमें और वृद्धि हो रही है तथा यह पहले ही गंभीर श्रेणी में पहुँच चुका है, क्योंकि एक्यूआई शाम 5:00 बजे, शाम 6:00 बजे और शाम 7:00 बजे क्रमशः 447, 452 और 457 पर पहुँच गया। इसके अलावा, घने कोहरे, परिवर्तनशील हवाओं और अत्यधिक प्रतिकूल मौसम संबंधी और जलवायु परिस्थितियों के कारण औसत एक्यूआई इस प्रतिकूल श्रेणी में रहने की उम्मीद है।

उन्होंने आगे बताया कि आईएमडी,आईआईटीएम के पूर्वानुमानों से यह भी संकेत मिलता है कि जलवायु परिस्थितियों के कारण आने वाले दिनों में एक्यूआई/ AQI विशेष रूप से “गंभीर”/”गंभीर+” श्रेणी के उच्च स्तर पर रहने की संभावना है।इसलिए, वायु गुणवत्ता को और अधिक खराब होने से रोकने के प्रयास में, उप समिति ने निर्णय लिया कि जीआरएपी के चरण IV – ‘गंभीर+ वायु गुणवत्ता एक्यूआई/ 450 के तहत परिकल्पित सभी कार्रवाइयों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आज सुबह 8:00 बजे से पहले से लागू चरण- I, II और III क्रियाओं के अतिरिक्त,एनसीआर में संबंधित सभी एजेंसियों द्वारा सही ढंग से लागू किया जाएगा।

इनमें ये शामिल है-

ट्रक यातायात का प्रवेश बंद करें। (आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले/आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले ट्रकों को छोड़कर)। हालांकि, सभी एलएनजी/सीएनजी/इलेक्ट्रिक/बीएस-VI डीजल ट्रकों को दिल्ली में  प्रवेश की अनुमति होगी। ईवी/सीएनजी/बीएस-VI डीजल के अलावा दिल्ली के बाहर पंजीकृत एलसीवी को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति न दें, सिवाय आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले/आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले वाहनों को छोड़कर। पंजीकृत बीएस-IV और डीजल से चलने वाले मध्यम माल वाहनों (एमजीवी) और भारी माल वाहनों (एचजीवी) के चलने पर सख्त प्रतिबंध लागू करें, केवल आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले / आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले वाहनों को छोड़कर। जीआरएपी चरण-III की तरह, राजमार्गों, सड़कों, फ्लाईओवरों, ओवरब्रिजों, विद्युत पारेषण, पाइप लाइनों, दूरसंचार आदि जैसी रैखिक सार्वजनिक परियोजनाओं के लिए भी सीएंडडी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाएं। एनसीआर राज्य सरकारें और जीएनसीटीडी कक्षा VI-IX, कक्षा XI के लिए भी भौतिक कक्षाएं बंद करने और ऑनलाइन मोड में कक्षाएं आयोजित करने का निर्णय ले सकते हैं।

एनसीआर राज्य सरकारें / जीएनसीटीडी सार्वजनिक, नगरपालिका और निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत क्षमता पर काम करने और बाकी को घर से काम करने की अनुमति देने पर निर्णय लेंगी। केंद्र सरकार, केंद्रीय सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देने के संबंध में उचित निर्णय ले सकती है। राज्य सरकारें अतिरिक्त आपातकालीन उपायों पर विचार कर सकती हैं, जैसे कॉलेज/शैक्षणिक संस्थानों को बंद करना और गैर-आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों को बंद करना, पंजीकरण संख्या के आधार पर वाहनों को सम-विषम आधार पर चलाने की अनुमति देना आदि शामिल हैं। इसके अलावा, नागरिकों से आग्रह किया जा सकता है कि वे नागरिक चार्टर का पालन करें और चरण-1, चरण-2 और चरण-3 के नागरिक चार्टर के अतिरिक्त, क्षेत्र में वायु गुणवत्ता को बनाए रखने और सुधारने के उद्देश्य से जीआरएपी उपायों के प्रभावी क्रियान्वयन में सहायता करें।                                                                                                         

वहीं बच्चे, बुजुर्ग और श्वसन, हृदय, मस्तिष्कवाहिकीय या अन्य दीर्घकालिक बीमारियों के लिए बाहरी गतिविधियों से बचें। बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन, हृदय, मस्तिष्क संबंधी या अन्य दीर्घकालिक बीमारियों से पीड़ित लोगों को बाहरी गतिविधियों से बचना चाहिए तथा यथा संभव घर के अंदर ही रहना चाहिए।                                          

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