सामाजिक और आर्थिक विकास में भी रुकावट डालता है बाल विवाह : एडीसी
– राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (बालिका) सीही बल्लभगढ़ और सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-7 में बाल विवाह न करने की दिलाई शपथ
फरीदाबाद, 09 अप्रैल।
बाल विवाह समाज में एक गंभीर समस्या बनी हुई है, जिसके दुष्परिणाम न केवल बच्चों के जीवन को प्रभावित करते हैं, बल्कि पूरे समाज की प्रगति को भी रोकते हैं। इसे रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही हैं। बाल विवाह की समस्या को लेकर सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए, जिले के सरकारी स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में बाल विवाह के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत आज अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) साहिल गुप्ता के मार्गदर्शन में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (बालिका) सीही बल्लभगढ़ और सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-7 में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनके माध्यम से विद्यार्थियों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक किया गया।
इस अवसर पर संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी हेमा कौशिक ने बताया कि दोनों स्कूलों में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराना और उन्हें इस सामाजिक कुप्रथा के खिलाफ खड़ा करना था। कार्यक्रम में स्कूल प्रशासन, शिक्षकों, और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का आरंभ शपथ ग्रहण से हुआ, जिसमें विद्यार्थियों ने एकजुट होकर यह शपथ ली कि वे खुद कभी बाल विवाह नहीं करेंगे और न ही किसी को इसके लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा कि “बाल विवाह केवल एक सामाजिक समस्या नहीं है, बल्कि यह बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास को भी बाधित करता है। यह शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन के अन्य अवसरों को प्रभावित करता है। हम सभी को मिलकर इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए कदम उठाने होंगे।” उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा बच्चों की शिक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कई योजनाएं चल रही हैं, लेकिन समाज की जागरूकता और सहयोग के बिना इसे खत्म करना मुश्किल है। उन्होंने बताया कि बच्चों का शिक्षा प्राप्त करना, उनका मानसिक और शारीरिक विकास सुनिश्चित करना, समाज की जिम्मेदारी है। जब तक समाज बाल विवाह जैसी प्रथाओं के खिलाफ जागरूक नहीं होगा, तब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता।
इस अवसर पर स्कूली छात्र, अध्यापक और संबंधित विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।
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