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सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, जिनके कार्यकाल में कसौली में हुआ अवैध निर्माण, उन अधिकारियों के नाम बताएं

हिमाचल प्रदेश के कसौली में अवैध निर्माण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को कहा कि उन अधिकारियों के नाम बताए और उनके खिलाफ क्या कारवाई की है उसकी डिटेल रिपोर्ट दे जिनके कार्यकाल में कसौली में अवैध निर्माण हुआ है. कोर्ट ने पूछा है कि हिमाचल में अवैध निर्माण को रोकने के लिए क्या गाइड लाइन है. हिमाचल प्रदेश सरकार ये बताए कि राज्य में अवैध निर्माण को रोकने के लिए क्या क्या कदम उठाए गए है. अगर राज्य में अवैध निर्माण हुए है तो उनको गिराने के लिए सरकार क्या काम कर रही है. हिमाचल प्रदेश सरकार को इन सभी बिंदुओं पर अगस्त के पहले हफ्ते तक जवाब दाखिल करना है.

वहीं मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कसौली में जो अवैध निर्माण हुआ उसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर जब तक कार्रवाई नही होगी तब तक सख्त संदेश नहीं जाएगा. कोर्ट ने कहा कि अवैध निर्माण के लिए दोषी 4/5 अधिकारियों को नौकरी से हटाने की जरूरत है.

 सुप्रीम कोर्ट अब अगस्त में मामले की सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में कसौली मामले में हिमाचल सरकार पर नाराज सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि महिला अफसर की हत्या की बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.  ये सोच नहीं चलेगी कि अवैध निर्माण करो बाद में कोर्ट में देखेंगे और अगर तोडफोड होगी तो गोली मार देंगे. इसका सीधे सीधे भविष्य पर पडेगी. अफसर की हत्या कोर्ट के आदेश की वजह से नहीं बल्कि कानून को लागू ना करने पर हुई.
कोर्ट ने कहा कि पूरे हिमाचल में अवैध निर्मांण हुए हैं, सरकार क्या कर रही है।पांच साल पहले मनाली में विडियोग्राफी हुई थी, लेकिन फिर भी गैर कानूनी निर्माण होते रहे. जो लोग कानून का पालन करते हैं वो दुखी हैं और जो कानून तोड़ते हैं उनको प्रोत्साहित किया जाता है. कानून का शासन लागू किया जाना चाहिए ना कि कानून तोडने वालों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.
कोर्ट ने 9 मई तक सरकार से कसौली घटना के साथ साथ राज्य में अवैध निर्माण पर पॉलिसी को लेकर स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कसौली में तोडफोड के दौरान होटल मालिक द्वारा महिला अफसर की हत्या के बाद स्वत: संज्ञान लिया था.

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