NRC कॉरिडनेटर प्रतीक हजेला ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की सील कवर रिपोर्ट
असम में नेशनल रजिस्ट्रर ऑफ स्टीजन (एनआरसी) के मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को SOP पर विभिन्न हितधारकों के विचार मांगे है. कोर्ट ने साफ किया कि SOP को लेकर किसी भी राजनीतिक दलों के सुझाव नहीं सुने जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने ऑल असम स्टूडेंट यूनियन और ऑल असम माइनॉरटी स्टूडेंट यूनियन और जमायत-ए उलेमा हिंद से SOP पर उनके विचार मांगे हैं. वह अपने विचार 25 अगस्त तक दाखिल करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कॉरिडनेटर प्रतीक हजेला से असम के हर जिले में NRC से बाहर हुए लोगों का फीसदी मांगा. हजेला ये ब्यौरा सील कवर में दाखिल करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि 30 अगस्त तक दावे और आपत्तियां शुरू होंगे. कोर्ट ने हजेला को कहा कि वो NRC मसौदा की प्रतियां पंचायत ऑफिस और अन्य दफ्तरों में रखें ताकि लोग इसे देख सकें. इस मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त अगली सुनवाई होगी. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने AG के के वेणुगोपाल से कहा कि हमने SOP को देखा है और अब आपको इस संबंध में हितधारकों (स्टेकहोल्डर) से बात कर उनके विचार जानने चाहिए, लेकिन इस मामले में हितधारक कौन होंगे? NRC कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने कहा कि असम सरकार ने 2011-2013 तक इस प्रक्रिया पर काम किया था और विभिन्न स्टेकहोल्डर्स से बातचीत की थी. मंगलवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में SOP दाखिल किया था।