कई राज्यों में वामपंथी कार्यकर्ताओं, वकीलों के घरों में छापेमारी, चार गिरफ्तार
महाराष्ट्र पुलिस ने कई राज्यों में वामपंथी कार्यकर्ताओं के घरों में आज छापा मारा और माओवादियों से संपर्क रखने के संदेह में उनमें से कम से कम चार लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, इस कार्रवाई का मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने एक सुर में विरोध किया है।पिछले साल 31 दिसंबर को एल्गार परिषद के एक कार्यक्रम के बाद पुणे के पास कोरेगांव – भीमा गांव में दलितों और उच्च जाति के पेशवाओं के बीच हुई हिंसा की घटना की जांच के तहत ये छापे मारे गए हैं। पुलिस की इस कार्रवाई पर प्रसिद्ध लेखिका अरूंधती रॉय ने आज पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘ये गिरफ्तारियां उस सरकार के बारे में खतरनाक संकेत देती है जिसे अपना जनादेश खोने का डर है, और दहशत में आ रही है। बेतुके आरोपों को लेकर वकील, कवि, लेखक, दलित अधिकार कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों को गिरफ्तार किया जा रहा है …हमे साफ – साफ बताइए कि भारत किधर जा रहा है।’’ हैदराबाद में तेलुगू कवि वरवर राव, मुंबई में कार्यकर्ता वेरनन गोन्जाल्विस और अरूण फरेरा, फरीदाबाद में ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज और दिल्ली में सिविल लिबर्टीज के कार्यकर्ता गौतम नवलखा के आवासों में तकरीबन एक ही समय पर तलाशी ली गयी।तलाशी के बाद राव, भारद्वाज और फरेरा को गिरफ्तार कर लिया गया।एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन लोगों को उनकी कथित नक्सली गतिविधियों को लेकर आईपीसी और गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून की संबद्ध धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है। गौतम नवलखा को भी गिरफ्तार कर लिया गया, हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस को उन्हें कम से कम कल शाम तक दिल्ली से बाहर नहीं ले जाने का आदेश दिया।दरअसल, उच्च न्यायालय नवलखा की ओर से उनके