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दूरसंचार विभाग ने पुनरोद्धार वार्ता के तहत एमटीएनएल से दीर्घावधि की रूपरेखा बनाने को कहा

मौजूदा पुनरोद्धार वार्ता के तहत दूरसंचार विभाग ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी महानगर टेलीफोन निगम लि. (एमटीएनएल) से एक दीर्घावधि की रूपरेखा बनाने को कहा है।

एमटीएनएल के चेयरमैन पी के पुरवार ने पीटीआई भाषा से कहा कि दूरसंचार विभाग ने कहा कि हम यह रूपरेखा तैयार करें कि कैसे अन्य कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे और किस तरीके से अखिल भारतीय स्तर पर अपनी मौजूदगी मजबूत कर सकेंगे।

एमटीएनएल पिछले कई साल से घाटे में चल रही है। लोक उपक्रम विभाग के दिशानिर्देशों के तहत कंपनी को शुरुआती स्तर पर ‘बीमार’ घोषित कर दिया गया है।

एमटीएनएल के परामर्शक ने कंपनी के लिए पुनरोद्धार योजना तैयार की है। फिलहाल दूरसंचार विभाग उस पर विचार कर रहा है।

पुरवार ने कहा, ‘‘एक आंतरिक समिति ने भी कई विकल्प सुझाए हैं। दूरसंचार विभाग के वित्त विभाग ने कुछ जानकारी मांगी है। विभाग ने यह भी पूछा है कि एमटीएनएल के दीर्घावधि की रूपरेखा क्या है क्योंकि अन्य सभी कंपनियों का परिचालन अखिल भारतीय स्तर पर है।’’

पुरवार ने बताया कि दूरसंचार विभाग ने जो सवाल पूछे हैं कंपनी ने उनका जवाब दिया है।

कड़ी प्रतिस्पर्धा के दौर में एमटीएनएल को 2014-15 में 2,893 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। 2015-16 में कंपनी का घाटा 2,005 करोड़ रुपये, 2016-17 में 2,970 करोड़ रुपये रहा था। एमटीएनएल का कर्ज का बोझ 17,000 करोड़ रुपये को पार कर चुका है।

पुरवार ने कहा कि एमटीएनएल के लिए दीर्घावधि की दिशा के तहत सबसे पहले कंपनी के समक्ष मुद्दों को देखना होगा। कंपनी के संकट के तीन प्रमुख कारण हैं। पहला कर्मचारियों को वेतन बिल, दूसरा कर्ज के मामले को देखना होगा, जिससे कंपनी दक्षता से काम कर सके। तीसरा मुद्दा नेटवर्क में निवेश का है जिससे नया और आधुनिक ढांचा लाया जा सके।

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