नेपाल में दो और भारतीय पर्वतारोहियों की मौत, अन्य लापता
नेपाल में चढ़ायी अभियान के दौरान एक भारतीय सैनिक समेत दो भारतीय पर्वतारोहियों की मौत हो गयी, जबकि एक अन्य लापता है। हालांकि अभियान में शामिल एक पर्वतारोही ने सफलतापूर्वक दुनिया की सबसे ऊंची एवरेस्ट चोटी को फतह कर लिया। अभियान के आयोजक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। कुछ दिन पहले ही देश के दो पर्वतारोहियों की हिमालयी देश में मौत हो गयी थी।
सेना के जवान रवि ठक्कर (28) शुक्रवार तड़के एवरेस्ट पर ‘कैम्प-4’ के अंदर मृत पाये गये जबकि नारायण सिंह की मौत बृहस्पतिवार रात को 8,485 मीटर ऊंचे मकालू पर्वत शिखर से नीचे उतरने के दौरान ‘कैम्प-4’ में हुई।
‘सेवेन समिट ट्रेक्स’ में अध्यक्ष मिंगमा शेरपा ने बताया कि कोलकाता के दीपांकर घोष (52) मकालू पर्वत शिखर से लौटते वक्त ‘कैम्प-4’ के ऊपर लापता हो गये हैं।
शेरपा ने बताया कि एक खोजी दल उस जगह पर पहुंचा, जहां से पर्वतारोही के लापता होने की आशंका थी। हालांकि दल उनका पता लगाने में नाकाम रहा।
घोष ने 2011 में एवरेस्ट पर्वत की चढ़ायी की थी और वह कंचनजंघा, ल्होत्से , मनास्लू और धौलागिरि समेत कई चोटियों की भी चढ़ायी कर चुके हैं।
ऊंचाई पर होने वाली व्याधि के कारण ठाकर की मौत हुई।
‘द हिमालयन टाइम्स’ ने शेरपा के हवाले से लिखा, ‘‘साथी पर्वतारोहियों ने उन्हें तंबू के अंदर मृत पाया।’’
ठक्कर उस आठ सदस्यीय अभियान दल का हिस्सा थे जिसका नेतृत्व आयरलैंड के जाने माने पर्वतारोही नोएल रिचर्ड हन्ना कर रहे थे।
बृहस्पतिवार सुबह अपने साथी सदस्यों के साथ वह एवरेस्ट शिखर पर पहुंचे।
ठक्कर के ही अभियान दल के अन्य सदस्य आयरलैंड के सीमस सीन लॉलेस शिखर बिंदु से नीचे उतरते समय बालकनी क्षेत्र से फिसल गये।
शेरपा ने कहा, ‘‘आयरलैंड के लापता पर्वतारोही का अब तक अता-पता नहीं चला है।’’
नेपाल पर्यटन मंत्रालय की अधिकारी मीरा आचार्य ने ‘पीटीआई’ को बताया, ‘‘भारतीय पर्वतारोही नारायण सिंह की मौत मकालू पर्वत पर हुई। शिखर से नीचे उतरते समय ‘कैम्प 4’ में उनकी मौत हुई।’’
ऊंचाई की वजह से होने वाली व्याधियों के कारण पश्चिम बंगाल से दो भारतीय पर्वतारोहियों बिप्लब वैद्य (48) और कुंतल करार (46) की कंचनजंघा के पास बुधवार को नेपाल में मौत हो गयी।
बुधवार शाम से ही चिली का एक पर्वतारोही भी कंचनजंघा पर्वत के ‘कैम्प-4’ से लापता है।