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मानव पूंजी में निवेश, समावेशी विकास से सतत विकास के पथ पर अग्रसर हो सकता है देशः आर्थिक समीक्षा

भारत के विकास का पथ सामाजिक बुनियादी ढांचे में निवेश से जुड़ा है और मानव पूंजी में निवेश और समावेशी विकास के जरिए सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) की तरफ देश को बढ़ाया जा सकता है। वित्त वर्ष 2018-19 की आर्थिक समीक्षा में यह कहा गया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बृहस्पतिवार को पेश समीक्षा में कहा गया है कि भारत अपने सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने को लेकर प्रतिबद्ध है। उसमें कहा गया है कि जनसांख्यिकीय विभाजन का लाभ उठाने के लिए केंद्र शिक्षा, कौशल विकास क्षेत्र में बेहतरी और सभी को रोजगार एवं किफायती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने को लेकर कृत-संकल्पित है।

समीक्षा में कहा गया है कि सम्पर्क को बेहतर बनाने, आवास उपलब्ध कराने और सामाजिक-आर्थिक संकेतकों पर स्त्री-पुरूष भेदभाव को समाप्त करना सतत विकास के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण है।

वैश्विक समस्याओं को दूर करने के लिए तय किये गए सतत विकास लक्ष्यों को 2030 तक पूरा किया जाना है।

समीक्षा में एसडीजी अर्जित करने की दिशा में भारत सरकार की नीतियों का उल्लेख किया गया है। इन नीतियों में स्वच्छ भारत मिशन, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्मार्ट सिटीज, प्रधानमंत्री जनधन योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना और प्रधानमंत्री उज्जवला योजना तथा अन्य योजनाएं शामिल हैं।

देश में बढ़ते हुए वायु प्रदूषण से व्यापक रूप से निपटने के लिये भारत सरकार ने देश में वायु गुणवत्ता निगरानी नेटवर्क बढ़ाने के अलावा वायु प्रदूषण की रोकथाम नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम की शुरूआत की है।

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