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ब्रेक्जिट के बाद रियायती चीनी निर्यात पर ब्रिटेन, ईयू से बात कर रहा है भारत

भारत ने ब्रिटेन और यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ ब्रेक्जिट के बाद रियायती दरों पर चीनी निर्यात के लिए बातचीत शुरू की है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

अभी यूरोपीय संघ की ओर से भारत को सीएक्सएल कोटा के तहत 10,000 टन चीनी रियायती दरों पर निर्यात करने की अनुमति मिली हुई है।

सूत्रों ने कहा कि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर आने के बाद चीनी निर्यात की मात्रा पर नए सिरे से बात करनी होगी।

यूरोपीय संघ को निर्यात के लिए सीएक्सएल रियायत से भारतीय व्यापारियों को बेहद कम सीमा शुल्क पर चीनी निर्यात की अनुमति होती है।

इसके साथ भारत, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के अधिकारियों के बीच डंपिंग रोधी शुल्क को आगे बढ़ाने के तौर तरीकों पर भी बातचीत चल रही है। यह शुल्क यूरोपीय संघ में कंपनियों पर लगाया गया है।

यूरोपीय संघ 28 देशों का ब्लॉक है। इन सभी देशों के लोग एक दूसरे के यहां आसानी से आ-जा सकते हैं और काम कर सकते हैं। सदस्य देशों के बीच मुक्त व्यापार की भी अनुमति है।

यूरोपीय संघ भारत का प्रमुख व्यापारिक भागीदार है। 2018-19 में यूरोपीय संघ को भारत का निर्यात 57.17 अरब डॉलर रहा था। जबकि इस दौरान यूरोपीय संघ से भारत का आयात 58.42 अरब डॉलर था।

इसी तरह 2018-19 में भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 16.87 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 14.5 अरब डॉलर रहा था।

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