37वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला में अबतक पहुंचे साढ़े पांच लाख से ज्यादा पर्यटक
– शनिवार को पहुंचे लगभग डेढ़ लाख पर्यटक
देशी-विदेशी कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से छोटी चौपाल पर जमाया रंग
– हास्य कलाकार मास्टर महेंद्र ने दिया नशे से दूर रहने का संदेश
फरीदाबाद/सूरजकुंड, 10 फरवरी। 37वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला में अबतक साढ़े पांच लाख से ज्यादा पर्यटक पहुँच चुकें हैं। आज शनिवार को कार्यालयों में अवकाश के चलते शिल्प मेला में लगभग डेढ़ लाख देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचे। शिल्प मेला प्रशासन द्वारा पर्यटकों के लिए सभी मूलभूत सुविधाएं मेला परिसर में जुटाई गयी हैं तथा सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध किये गये हैं।
37वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला में पहुँच रहे पर्यटकों का मुख्य चौपाल एवं छोटी चौपाल पर देशी-विदेशी कलाकार अपनी शानदार प्रस्तुतियों से मनोरंजन कर रहे हैं। हरियाणवी हास्य कलाकार मास्टर महेंद्र भी अपने हास्य व्यंग से समाज में व्यापक नशाखोरी समाप्त करने का सन्देश भी दे रहे हैं। छोटी चौपाल में हास्य कवि मास्टर महेंदर ने अपनी हास्य कविता अड़ियल कुत्ता व सड़ियल शराबी के माध्यम से समाज में व्यापक नशाखोरी पर कड़ा प्रहार करते हुए दर्शकों को हर प्रकार के नशे से दूर रहने का सन्देश दिया। उन्होंने अपने चुटकुलों से उपस्थित गण को हंसा कर लौटपोट किया।
छोटी चौपाल पर माली के कलाकारों ने हिंदी फिल्मों का गीत “हमकों तुमसे हो गया है प्यार क्या करें” गुनगुना कर दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी। उन्होंने अपना लोक नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। असम के कलाकारों ने प्रसिद्ध लोक नृत्य बिहू की शानदार प्रस्तुति दी। इस नृत्य की प्रस्तुति में भैंस के सींग से बना हुआ वाद्य यंत्र तथा मिट्टी से बना विशेष वाद्ययंत्र प्रयोग किया जाता है। मिट्टी से बनाये गये इस विशेष वाद्ययंत्र से कोयल की सुरीली आवाज़ निकल रही है। घाना के कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में अपने लोक नृत्य की प्रस्तुति से दर्शकों की खूब तालियाँ बटौरी।
हरियाणवी कलाकार सौरभ अत्री ने अपने भजनों से छोटी चौपाल में खूब समां बाँधा। उन्होंने श्रीकृष्ण किस्से से “मैं भरण गयी थी नीर राम की सूं”, जमना जी के तीर राम की सूं” की प्रस्तुति दी। उन्होंने शिव-पार्वती के किस्से से “तू राजा की राजदुलारी, मैं सिर्फ लंगोटे आला सूं, भांग रगड़ के पीया करूं मैं कुण्डी सोटे आला सूं” के माध्यम से शिव-पार्वती के वार्तालाप की प्रस्तुति दी। उन्होंने अगली प्रस्तुति में “जहाज़ के में बैठ गोरी राम रट कै, ओढना संगवा ले तेरा पल्ला लटकै की प्रस्तुति पर दर्शकों की तालियाँ बटौरी।