नायडू ने की माल्टा की राष्ट्रपति से मुलाकात, तीन सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सोमवार को माल्टा की राष्ट्रपति मैरी लुइस कोलेरो प्रेका के साथ विस्तृत चर्चा करके द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के तरीकों पर विचार किया। इस दौरान दोनों देशों के बीच तीन सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किये गये।
दोनों देशों ने विदेश सेवा संस्थानों के बीच तालमेल तथा समुद्र और पर्यटन क्षेत्रों में सहयोग के लिए तीन सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किया।
बीते 28 वर्ष में पहली बार इस देश में आने वाले पहले वरिष्ठ भारतीय नेता नायडू ने माल्टा की राष्ट्रपति से बातचीत करने के बाद कहा कि भारत यूरोपीय संघ के ‘‘सबसे भरोसेमंद सहयोगियों’’ में से एक माल्टा के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने का बहुत इच्छुक है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत और माल्टा तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। अगर हम एकसाथ मिलकर काम कर सकें तो हम निश्चित रूप से और तेज गति से आगे बढ़ सकते हैं। लेकिन दोनों अर्थव्यवस्थाएं पूरक और प्रौद्योगिकी पर आधारित हैं। हमें आर्थिक, वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन विकास मोर्चों पर और ठोस सहयोग के साथ संबंध प्रगाढ़ करने की जरूरत है।’’
रविवार को यहां पहुंचे नायडू ने कहा कि माल्टा आईटी, वित्तीय सेवा, स्वास्थ्य, फार्मा, परिवहन, माल ढुलाई और पर्यटन क्षेत्र में भारत के अति कुशल पेशेवरों का फायदा उठा सकता है।
उन्होंने कहा कि भारत विश्व में सस्ती जेनेरिक दवाओं के मुख्य स्रोतों में से एक है और माल्टा इस क्षेत्र में सहयोग पर विचार कर सकता है।
नायडू ने कहा कि दोनों देश स्वास्थ्य देखभाल को बढावा देने के लिए योग और आयुर्वेद के प्राचीन विज्ञान के इस्तेमाल में भी सहयोग कर सकते हैं।
राज्यसभा के सभापति नायडू और मैरी लुइस ने प्रतिनिधि स्तरीय बातचीत का नेतृत्व किया और पर्यटन, उत्पादन, शिक्षा और पोत परिवहन जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
नायडू ने लीबिया से 2011 से 2014 के बीच भारतीयों को सुरक्षित बाहर निकालने में मदद के लिए माल्टा का धन्यवाद दिया।
उपराष्ट्रपति का माल्टा की प्रतिनिधि सभा के स्पीकर, कार्यवाहक प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और माल्टा के विपक्ष के नेता से मिलने का कार्यक्रम है।
वह भारतीय मूल के लोगों से भी मिलेंगे तथा एक व्यापार कार्यक्रम में शामिल होंगे।