न्यायालय ने एनआरसी समन्वयक और महापंजी को मीडिया से बात नहीं करने की हिदायत दी
उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी के मामले में बयान जारी करने पर आज असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर समन्वयक और भारत के महापंजी को फटकार लगायी और कहा कि वह उन्हें अवमानना के लिये जेल भेज सकते थे।साथ ही न्यायालय ने उन्हें भविष्य में शीर्ष अदालत की मंजूरी के बगैर मीडिया से बात नहीं करने की हिदायत दी।न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ ने असम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के समन्वयक प्रतीक हजेला और भारत के महापंजी शैलेष द्वारा राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के मसौदे में छूट गये नामों के संबंध में दावों और आपत्तियों के निबटान के मसले पर मीडिया को बयान देने को ‘‘बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया।न्यायमूर्ति गोगोई ने इस घटनाक्रम पर नाराजगी व्यक्त करते हुये दोनों अधिकारियों से कहा, ‘‘क्या इस मामले में होने वाले दावों और आपत्तियों से आपका किसी भी प्रकार का कोई सरोकार है..आपने समाचार पत्रों में जो कहा है, आप हमे बतायें कि आपका इससे क्या सरोकार है।’’ उन्होंने अधिकारियों से न्यायालय में ही समाचार पत्र पढ़ने के लिये कहा।पीठ ने कहा, ‘‘यह मत भूलिये, आप न्यायालय के अधिकारी हैं। आपका काम हमारे निर्देशों का पालन करना है। आप इस तरह से प्रेस में कैसे जा सकते हैं।’’ पीठ ने कहा कि आप दोनों को जेल भेजा जा सकता था।