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मल्होत्रा ने सभी राज्यों में समान पुरस्कार राशि की वकालत की

अखिल भारतीय खेल परिषद के अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा ने ओलंपिक सहित विभिन्न खेलों के पदक विजेताओं के लिये पुरस्कार राशि में बहुत ज्यादा असमानता को गंभीरता से लेते हुए सभी राज्य सरकारों से समान पुरस्कार राशि योजना तैयार करने की अपील की।

जकार्ता एशियाई खेलों के पदक विजेताओं के लिये प्रत्येक राज्य सरकार ने पुरस्कार राशि की घोषणा की लेकिन इसमें काफी असमानता थी।

मल्होत्रा ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा है कि जो खिलाड़ी एक साथ रहकर अभ्यास करते हैं और खेलते हैं उन्हें विभिन्न राज्यों की खेल नीतियां अलग थलग कर देती है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब खिलाड़ियों को उनकी कड़ी मेहनत और शानदार प्रदर्शन के लिये पुरस्कृत करने की बात आती है तो कुछ विजेताओं को निराशा का सामना करना पड़ता है। किसी राज्य के कांस्य पदक विजेता को दूसरे राज्य के स्वर्ण पदक विजेता से अधिक धनराशि मिलती है। ’’

मल्होत्रा ने इस संबंध में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय हेप्टाथलीट स्वप्ना बर्मन और फर्राटा धाविका दुती चंद का उदाहरण दिया। स्वप्ना के लिये स्वर्ण जीतने पर पश्चिम बंगाल सरकार ने दस लाख रूपये और सरकारी नौकरी की घोषणा की जबकि ओड़िशा सरकार ने दुती को दो रजत पदक जीतने पर तीन करोड़ रूपये की पुरस्कार राशि दी।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इन राज्यों (कम पुरस्कार राशि देने वाले) के मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि वे अपने खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार देने के फैसले पर पुनर्विचार करें और अपनी खेल नीति में संशोधन करके हरियाणा सरकार के समान पुरस्कार राशि देने की व्यवस्था करें। ’’

मल्होत्रा ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अलग से पत्र लिखकर स्वप्ना को दस लाख रूपये देने के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की। उन्होंने हरियाणा सरकार की तर्ज पर पुरस्कार राशि देने की मांग की जिसने स्वर्ण पदक विजेता को तीन लाख रूपये का इनाम दिया था।

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